रूठ गयी कोसी मैया, बिहार में बाढ़ से अबतक 40 की मौत…स्थिति भयावह

महेंद्र प्रसाद, सहरसा
नदियों का क्या ठिकाना कब कहर बरपा दें। सावन-भादो ठीक से बीत जाए, तो साल भर परिवार की गाड़ी किसी तरह से खिंच ही लेंगे। परंतु, इसबार 'कोसी मैय्या' का तेवर बदला हुआ है। कोसी ने पिछले कई रिकार्ड को तोड़ते हुए वर्ष 1984, 1987 एवं 2008 की याद ताज़ा करा दिया। जहा बाढ़ आने पर सिर्फ तवाही ही मचाती है।


अगले 24 घंटे में बिहार में बाढ़ का कहर की आशंका
बरसेगा मौसम विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए कहा कि पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, गोपालगंज, सारण, सिवान, मधेपुरा, सहरसा, सुपौल, पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगढ़ में भारी बारिश होगी। आपदा प्रबंधन विभाग ने इन जिलों के डीएम को सतर्क रहने व निचले इलाके से लोगों को सुरक्षित स्थलों पर पहुंचाने को कहा है। यानी कोसी नदी एक बार फिर अपना कहर बरपाने को कदम बढ़ा चुकी है।

बाढ़ से 50 प्रखंड की 18 लाख आबादी प्रभावित है। वहीं 1 लाख हेक्टेयर में लगी 2 करोड़ रुपए की फसल नष्ट होने की सूचना है। लगभग 43लाख रुपए मूल्य की गृह क्षति हुई है। सार्वजनिक संपत्ति की क्षति का आकलन किया जा रहा है। खगरिया में एक पशुपालक नदी को तेज धारा में बह गया। जिनका कोई पता नहीं चला।
बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित पूर्णिया में दरभंगा से एनडीआरएफ की एक और बिहटा से एसडीआरएफ की एक अतिरिक्त टीम भेजी गई है। खगरिया और मुजफ्फरपुर से 25-25 नौकायें भेजी गई हैं। वहीं किशनगंज गोपालगंज और मोतिहारी मे एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की अतिरिक्त टुकड़ी भेजी गई हैं। पटना, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधुबनी एवं शिवहर से 20 हजार पॉलिथीन शीट्स पूर्णीया भेजी गई हैं। 

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